डिजिटल साक्षरता आज के तकनीकी युग में नागरिकों को सशक्त बनाने की कुंजी है। यह केवल स्मार्टफोन और कंप्यूटर का उपयोग करना नहीं है, बल्कि डिजिटल उपकरणों को समझने, उनका मूल्यांकन करने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की क्षमता है।
डिजिटल साक्षरता से समाज को बेहतर शिक्षा, नौकरी के अवसर और सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच मिलती है। यह लोगों को सूचित रहने, बेहतर निर्णय लेने और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाती है। हालांकि, डिजिटल असमानता एक बड़ी चुनौती है, जिससे ग्रामीण और वंचित समुदाय अक्सर पीछे छूट जाते हैं।
डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, सस्ती इंटरनेट सेवा, और समावेशी नीतियां आवश्यक हैं, ताकि सभी को जोड़कर एक समान और जुड़े हुए समाज का निर्माण किया जा सके।