हाल ही में, वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एस.पी. ओसवाल को CBI अधिकारी बनकर एक गिरोह ने ₹7 करोड़ की ठगी की। इन ठगों ने नकली गिरफ्तारी वारंट दिखाकर उन्हें धमकाया और पैसे निकलवाए। यह धोखाधड़ी एक बढ़ते हुए चलन का हिस्सा है जिसमें ठग सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके लोगों से पैसे ठगते हैं।
ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए महत्वपूर्ण बातें:
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पहचान सत्यापित करें: किसी भी सरकारी अधिकारी का दावा करने वाले व्यक्ति की पहचान की जांच अवश्य करें।
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तत्काल गिरफ्तारी नहीं होती: सरकारी एजेंसियां फोन पर डिजिटल गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं करतीं या पैसे की मांग नहीं करतीं।
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अधिकारियों से संपर्क करें: अगर धमकी दी जाए, तो तुरंत पुलिस या संबंधित एजेंसी से संपर्क करें।
4.जल्दबाजी में निर्णय न लें: ठग अक्सर आपको जल्दी फैसला लेने के लिए मजबूर करते हैं। शांत रहें और स्थिति को सत्यापित करें।
सतर्क रहें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें!
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