मेरे विचार में, आज के समय में अपनी आवाज़ उठाने में जो कमी दिखाई देती है, उसका मुख्य कारण डर, उदासीनता और सिस्टम पर भरोसे की कमी है। लोग सोचते हैं कि उनकी आवाज़ का कोई असर नहीं होगा, इसलिए वे चुप रहते हैं।
लेकिन सच्चाई यह है कि बदलाव की शुरुआत तभी होती है जब हम बोलने की हिम्मत करते हैं। चुप रहकर केवल समस्याएं बढ़ती हैं। हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और सही मंच पर अपनी बात रखनी चाहिए।
आवाज़ उठाना हमारा अधिकार है, और समाज को बेहतर बनाने का पहला कदम भी।
1, में 12 महीनो से समस्या का सामना कर रहा हूं
2,में phed के मुकायल्य मे ही शिकायत कर चुका हूं
3,में जिला प्रशासन के जो अधिकारी है उसको भी मेने अवगत करा दिया है पर समस्या का समाधान करने में कोई सुनवाई नहीं कर रहे में शिकायत दर्ज करा करा के तक चुका हूं अब ऐसे हो रहा की सुनाई करने वाला कोई नहीं है सब अपनी मनमानी कर रहे हैं तो सर ऐसा नहीं होना चाहिए गरीबों की आवाज को सुना जाए और जो भी समस्या है उसका समाधान होना चाहिए हा में मानता हूं कि सरकार ज्यादा तो कुछ नहीं कर सकती पर जो जायज है वो तो कर सकती हैं , थैंक्यू सर
यदि आपने पहले ही PHED मुख्यालय और जिला प्रशासन में शिकायत की है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है, तो अब आप केंद्र सरकार के सार्वजनिक शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।