आवाज़ से आगे: जिम्मेदारी का नेतृत्व

आज के दौर में हर कोई बदलाव की बात करता है, हर कोई आवाज़ उठाना चाहता है, लेकिन जब जिम्मेदारी लेने की बात आती है, तो लोग पीछे हट जाते हैं। असली नेतृत्व वही है जो न केवल आवाज़ उठाए, बल्कि खुद उदाहरण बनकर दूसरों को साथ ले चले।

समाज को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो बदलाव की राह दिखाने वाले बनें, सिर्फ आलोचना करने वाले नहीं। जिम्मेदारी से भागना आसान है, लेकिन सही मायने में समाज वही बदलता है, जो अपनी बात को क्रिया में बदलने का साहस रखता है।