भारत में एक महत्वपूर्ण समस्या है – सामूहिक एकता की कमी। जब तक हम एक समूह की तरह काम नहीं करेंगे, तब तक बदलाव संभव नहीं है। इतिहास में देखें, महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने अधिकारों और समानता के लिए संघर्ष किया। उनकी सफलता का कारण सिर्फ उनकी नेतृत्व क्षमता नहीं थी, बल्कि उनके साथ खड़ा एक सशक्त समूह था।
डॉ. अंबेडकर ने दलितों और वंचित वर्गों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ी। उनका मानना था कि अगर समाज के लोग एकजुट होकर संघर्ष करेंगे, तभी वास्तविक परिवर्तन आएगा। आज हमें उनकी सीख से प्रेरणा लेकर सामूहिक रूप से काम करना चाहिए, ताकि हम देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकें।