भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 304 झपटमारी को चोरी का एक प्रकार परिभाषित करती है, जिसमें अपराधी चोरी करने के इरादे से अचानक, तेजी से, या बलपूर्वक किसी व्यक्ति से उसकी movable संपत्ति छीनता है। यह धारा तेज या जबरदस्ती की कार्रवाई के माध्यम से की गई चोरी को संबोधित करती है और ऐसे अपराधों के लिए कठोर दंड सुनिश्चित करती है।
सजा:
जो कोई झपटमारी करता है, उसे: तीन साल तक की कैद और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
धारा 304 झपटमारी अपराधों की विशिष्ट प्रकृति को संबोधित करती है। यह स्पष्ट और कठोर दंड लागू करके अपराधियों को रोकती है और सार्वजनिक संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यह सार्वजनिक स्थानों पर व्यक्तियों की सुरक्षा और उनके सामान की सुरक्षा को मजबूत बनाती है।
उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी के हाथ से पर्स छीनकर भाग जाता है, या किसी का मोबाइल फोन छीन लेता है, तो उसे इस धारा के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। इसी तरह, किसी की जेब से बटुआ जबरदस्ती निकाल लेना भी इस धारा के तहत झपटमारी माना जाएगा।