भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 306 उस चोरी से संबंधित है, जहां क्लर्क या नौकर अपने नियोक्ता की संपत्ति, या अपनी जिम्मेदारी के तहत सौंपी गई संपत्ति की चोरी करता है। यह धारा नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों में विश्वासघात को रोकने के लिए बनाई गई है और ऐसे मामलों में सख्त प्रावधान करती है।
सजा:
7 साल तक की कैद, और जुर्माने का प्रावधान। यह दंड कर्मचारियों को उनकी भरोसेमंद भूमिका के दुरुपयोग से रोकने के लिए है।
यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा कार्यस्थलों में विश्वासघात को रोकने का काम करती है और नियोक्ता की संपत्ति और पेशेवर संबंधों की रक्षा करती है। यह सुनिश्चित करती है कि काम के दौरान सौंपे गए कार्य और संपत्ति की सुरक्षा बनी रहे।
उदाहरण:
यदि कोई क्लर्क कार्यालय के कैशबॉक्स से नकद चुराता है, या कोई नौकर अपने नियोक्ता के घर से गहने या कीमती सामान ले जाता है, तो यह धारा 306 के तहत अपराध है। इसी तरह, यदि कोई कर्मचारी गोदाम से बिना अनुमति के सामान लेता है, तो यह भी इस धारा के अंतर्गत आता है।