धारा 61: आपराधिक साजिश – अवैध कार्य करने का समझौता

धारा 61 के अंतर्गत, जब दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी अवैध कार्य को करने या किसी वैध कार्य को अवैध तरीकों से करने के उद्देश्य से सहमत होते हैं, तो इसे आपराधिक साजिश कहा जाता है। यह धारा इस साजिश की परिभाषा और उसके लिए निर्धारित सजा को स्पष्ट करती है।

मुख्य प्रावधान:

(1) आपराधिक साजिश की परिभाषा:

  • यदि दो या अधिक व्यक्ति एक सामान्य उद्देश्य के साथ सहमत होते हैं कि वे:
    • (क) कोई अवैध कार्य करें, या
    • (ख) कोई वैध कार्य अवैध तरीकों से करें,
      ➤ तो यह समझौता आपराधिक साजिश कहलाता है।
  • संशोधन:
    यदि यह समझौता किसी अपराध को करने के लिए नहीं है, तो जब तक उस समझौते के तहत कोई प्रकट कार्य न किया जाए, यह आपराधिक साजिश नहीं मानी जाएगी।
  • व्याख्या:
    यह महत्वहीन है कि अवैध कार्य उस समझौते का मुख्य उद्देश्य है या सिर्फ एक सहायक घटक

(2) सजा:

  • (क) यदि साजिश ऐसे अपराध के लिए हो जो मृत्यु, आजीवन कारावास या दो वर्ष या उससे अधिक कठोर कारावास से दंडनीय हो:
    • और यदि उस साजिश के लिए अलग से कोई सजा न दी गई हो, तो अभियुक्त को उसी प्रकार सजा दी जाएगी जैसे कि उसने अपराध का अभिप्रेरण किया हो।
  • (ख) अन्य सभी प्रकार की साजिशों के लिए:
    • अधिकतम 6 महीने का कारावास, या
    • जुर्माना, या
    • दोनों

यह कैसे सुरक्षा देता है:

  • अपराध की योजना बनाने वाले चरण को ही दंडनीय बनाता है।
  • पूर्व-हस्तक्षेप (prevention) की अनुमति देता है, जिससे अपराध को रोका जा सकता है।
  • गंभीर और साधारण साजिशों में अंतर करके न्यायसंगत सजा सुनिश्चित करता है।

उदाहरण:

  • A और B एक बैंक लूटने की योजना बनाते हैं। भले ही लूट न हो, यह आपराधिक साजिश है और दोनों को अभिप्रेरणकर्ता के रूप में दंड मिलेगा।
  • C और D नकली अनुमति पत्रों के जरिए दीवारों पर पोस्टर लगाने की योजना बनाते हैं और C नकली स्टैंप खरीदता है - यह भी आपराधिक साजिश होगी।