भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 311 उन मामलों पर लागू होती है, जहां कोई व्यक्ति लूट या डकैती के दौरान घातक हथियार का उपयोग करता है, गंभीर चोट पहुंचाता है, या किसी की हत्या करने या गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास करता है।
यह धारा ऐसे हिंसक अपराधों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करती है।
सजा:
यदि कोई अपराधी घातक हथियार का उपयोग करता है, गंभीर चोट पहुंचाता है, या हत्या करने या गंभीर चोट पहुंचाने का प्रयास करता है, तो उसे कम से कम सात साल की कैद की सजा दी जाएगी।
यह सुनिश्चित करता है कि इस तरह के अपराधियों को किसी भी तरह की रियायत न मिले।
यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा हिंसक डकैती और लूट को रोकने के लिए कठोर दंड प्रदान करती है।
यह सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करती है और यह सुनिश्चित करती है कि इस तरह के अपराधों के पीड़ितों को न्याय मिले।
यह कानून उन अपराधियों को हतोत्साहित करता है जो लूटपाट के दौरान हिंसा का सहारा लेते हैं।
उदाहरण:
यदि कोई लुटेरा बंदूक या चाकू का उपयोग करता है और लूट के दौरान किसी को घायल करता है, या अगर डकैती के दौरान कोई गिरोह किसी व्यक्ति पर हमला कर गंभीर चोट पहुंचाता है, तो उन्हें इस धारा के तहत न्यूनतम सात साल की सजा मिलेगी।
इसी तरह, यदि कोई अपराधी डकैती के दौरान किसी की हत्या करने का प्रयास करता है, तो उसे भी कठोर सजा दी जाएगी।