धारा 351: आपराधिक धमकी से सुरक्षा

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 351 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को उसकी शारीरिक, प्रतिष्ठा, संपत्ति, या उससे जुड़े किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देता है ताकि उसे डरा-धमकाकर कोई कार्य करने या न करने के लिए मजबूर किया जा सके।

व्याख्या:
किसी मृत व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना, यदि वह व्यक्ति पीड़ित के लिए महत्वपूर्ण है, तो इसे भी आपराधिक धमकी माना जाएगा।

सजा:
सामान्य आपराधिक धमकी: दो साल तक की कैद, या जुर्माना, या दोनों।

मौत, गंभीर चोट, या आग से संपत्ति नष्ट करने की धमकी: सात साल तक की कैद, और जुर्माना।

अनाम धमकी या पहचान छुपाकर दी गई धमकी: अतिरिक्त दो साल की कैद, मुख्य सजा के अलावा।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा व्यक्तिगत सुरक्षा, प्रतिष्ठा की रक्षा, और दबावपूर्ण रणनीतियों को रोकने के लिए बनाई गई है।

यह लोगों को डराने-धमकाने से बचाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करती है।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी को उसके घर में आग लगाने की धमकी देता है ताकि वह मुकदमे से पीछे हट जाए, तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा।

इसी तरह, यदि कोई अनाम पत्र के माध्यम से जान से मारने की धमकी देता है, तो उसे इस कानून के तहत सजा दी जाएगी।