धारा 48 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति भारत से बाहर बैठकर, भारत में कोई अपराध करवाने के लिए उकसाता, षड्यंत्र करता या सहायता करता है, तो उसे भारतीय कानून के तहत अपराध का अभिप्रेरक माना जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- यदि कोई व्यक्ति:
- भारत के बाहर हो, और
- भारत में किसी अपराध को करने के लिए किसी को प्रेरित, योजना या सहायता करता है,
- और वह कार्य भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध होता,
तो वह व्यक्ति अभिप्रेरण का दोषी माना जाएगा।
उदाहरण:
A, देश X में बैठा है और वह B को भारत में हत्या करने के लिए उकसाता है।
A, भले ही भारत में नहीं है, फिर भी वह हत्या के अभिप्रेरण का दोषी है।
यह कैसे सुरक्षा देता है:
- यह सुनिश्चित करता है कि विदेश से अपराध कराने वाले लोग भी कानून से नहीं बच सकें।
- अंतरराष्ट्रीय आपराधिक षड्यंत्रों को भारत की सीमा के अंदर रोकने में मदद करता है।
- भारत की कानूनी संप्रभुता को मजबूत करता है, और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से निपटने का आधार देता है।
उदाहरण:
- विदेश में बैठा कोई व्यक्ति भारत में आतंकी हमला करवाने की योजना बनाता है - यह अभिप्रेरण द्वारा अपराध है।
- कोई विदेशी नागरिक भारत में साइबर हमला या धोखाधड़ी कराता है - वह इस धारा के तहत दोषी होगा।