भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 329 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य की संपत्ति में बिना अनुमति के प्रवेश करता है, ताकि वहां अपराध किया जा सके, किसी को डराया जा सके, अपमानित किया जा सके या परेशान किया जा सके।
यदि कोई व्यक्ति कानूनी रूप से किसी संपत्ति में प्रवेश करता है लेकिन वहां अवैध रूप से बना रहता है, किसी को धमकाने या अपराध करने के इरादे से, तो इसे भी आपराधिक अतिक्रमण माना जाएगा।
गृह-अतिक्रमण (House-Trespass) तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी आवासीय भवन, तंबू, जहाज, पूजा स्थल, या संपत्ति भंडारण स्थल में अवैध रूप से प्रवेश करता है।
यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति अपने शरीर का कोई भी हिस्सा, जैसे हाथ या पैर, अंदर डालता है, तो यह भी गृह-अतिक्रमण माना जाएगा।
सजा:
जो कोई आपराधिक अतिक्रमण करता है, उसे तीन महीने तक की कैद, या ₹5,000 तक का जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
जो कोई गृह-अतिक्रमण करता है, उसे एक साल तक की कैद, या ₹5,000 तक का जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा अवैध प्रवेश और जबरन अतिक्रमण से व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
यह उन लोगों को रोकने के लिए बनाई गई है जो किसी के घर, भूमि, या पूजा स्थल में गलत इरादे से घुसते हैं और लोगों को डराने, परेशान करने या अपराध करने का प्रयास करते हैं।
उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी की निजी भूमि पर जबरन घुसकर उसे धमकाता या परेशान करता है, तो यह आपराधिक अतिक्रमण होगा।
इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति किसी के घर या मंदिर में जबरदस्ती प्रवेश करता है और बाहर जाने से मना करता है, तो यह गृह-अतिक्रमण माना जाएगा और उसे अधिक कड़ी सजा मिलेगी।