धारा 341: नकली मोहरों और उपकरणों से जालसाजी को रोकना

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 341 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति नकली मोहर, प्लेट, या अन्य उपकरण बनाता है, रखता है, या उसका उपयोग करता है, ताकि जालसाजी (Forgery) की जा सके।

इसमें नकली सरकारी मोहरों, वित्तीय रिकॉर्ड, या आधिकारिक दस्तावेजों के लिए जाली उपकरणों का निर्माण, स्वामित्व, या उपयोग शामिल है।

यह कानून जालसाजी को रोकने और दस्तावेजों की प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए कठोर दंड प्रदान करता है।

सजा:
जो कोई नकली मोहर या उपकरण बनाता या रखता है, जिससे धारा 338 के तहत जालसाजी की जाए, उसे आजीवन कारावास या सात साल तक की कैद और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

यदि यह जालसाजी किसी अन्य धारा के तहत की जानी है, तो सजा सात साल तक की कैद और जुर्माना होगी।

जो कोई नकली मोहर या उपकरण जानबूझकर रखता है, उसे तीन साल तक की कैद और जुर्माना दिया जाएगा।

यदि कोई नकली मोहर या उपकरण को असली बताकर धोखाधड़ी से इस्तेमाल करता है, तो उसे उसी प्रकार की सजा मिलेगी जैसे नकली मोहर बनाने वाले को मिलती है।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा सरकारी दस्तावेजों, वित्तीय रिकॉर्ड, और आधिकारिक मोहरों की प्रामाणिकता की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

यह किसी भी जाली दस्तावेज़ या नकली सील के उपयोग को रोकने के लिए कड़े दंड का प्रावधान करती है, ताकि कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं सुरक्षित रहें।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति सरकारी दस्तावेजों पर नकली मोहर लगाकर उन्हें वैध दिखाने की कोशिश करता है, तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा।

इसी तरह, यदि कोई नकली कंपनी की सील बनाकर वित्तीय धोखाधड़ी करता है, तो उसे कड़ी सजा मिलेगी।