धारा 225: कानूनी सुरक्षा मांगने के अधिकार की रक्षा

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 225 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य को धमकी देकर उसे किसी लोक सेवक से कानूनी सुरक्षा मांगने से रोकता है।

यह धारा सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति बिना डर के अपनी सुरक्षा के लिए कानूनी सहायता मांग सके।

सजा:
जो कोई किसी को सुरक्षा के लिए कानूनी आवेदन करने से रोकने के लिए धमकी देता है, उसे एक साल तक की कैद, या जुर्माने, या दोनों से दंडित किया जाएगा।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा व्यक्तियों को डराने-धमकाने से बचाती है और सुनिश्चित करती है कि जो कोई भी खतरे में हो, वह बिना डर के पुलिस या कानूनी अधिकारियों से सहायता मांग सके।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी को धमकी देता है कि यदि उसने पुलिस से सुरक्षा मांगी तो उसे नुकसान होगा, तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा।

इसी तरह, यदि कोई मकान मालिक अपने किरायेदार को पुलिस में शिकायत दर्ज करने से रोकने के लिए धमकाता है, तो यह अपराध माना जाएगा।