धारा 95: बच्चों के आपराधिक शोषण से सुरक्षा

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 95 तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी बच्चे को अपराध करने के लिए नियुक्त करता है, उसका उपयोग करता है, या उसे इसमें शामिल करता है।

यह धारा बच्चों को आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने से बचाने के लिए सख्त दंड का प्रावधान करती है।

सजा:
जो कोई किसी बच्चे को अपराध करने के लिए नियुक्त करता है, उसे तीन साल से कम की सजा नहीं होगी, और यह सजा दस साल तक बढ़ाई जा सकती है, साथ में जुर्माना भी लगाया जाएगा।

यदि अपराध वास्तव में किया गया है, तो अपराधी को ऐसे दंडित किया जाएगा जैसे उसने स्वयं वह अपराध किया हो।

व्याख्या:
इस धारा में यौन शोषण या अश्लील सामग्री के लिए बच्चे का उपयोग करना भी शामिल है, जिसे एक गंभीर अपराध माना जाता है।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
यह धारा बच्चों को आपराधिक शोषण और गैरकानूनी गतिविधियों से बचाती है।

यह सुनिश्चित करती है कि जो लोग बच्चों को अपराधों में शामिल करते हैं, उन्हें कड़ी सजा मिले और बच्चों के कल्याण और सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे को चोरी करने या मादक पदार्थों की तस्करी में मजबूर करता है, तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा।

इसी तरह, यदि कोई बच्चे का उपयोग अश्लील सामग्री बनाने के लिए करता है, तो उसे सख्त सजा दी जाएगी।

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