धारा 5: सरकार को दंड में परिवर्तन करने का अधिकार

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 5 सरकार को यह अधिकार देती है कि वह अपराधी द्वारा प्राप्त दंड को कम कर सकती है या उसे अन्य दंड में परिवर्तित कर सकती है। यह परिवर्तन अपराधी की सहमति के बिना किया जा सकता है और इसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 474 के अनुसार लागू किया जाएगा।

मुख्य प्रावधान:

  1. दंड में परिवर्तन का अधिकार
  • उचित सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह किसी कठोर दंड को कम करके हल्का दंड दे सकती है।

  • इस प्रक्रिया में अपराधी की सहमति आवश्यक नहीं होती।

  1. “उचित सरकार” की परिभाषा
  • केंद्र सरकार: यदि अपराध मृत्युदंड (Death Penalty) से संबंधित है, या अपराध संघ सरकार की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आता है (जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून)।

  • राज्य सरकार: यदि अपराध राज्य सरकार की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आता है, तो वह अपराधी की सजा को कम करने या बदलने का अधिकार रखती है।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है?

  • यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में दंड को बदला जा सकता है।

  • यह गंभीर सजा, जैसे मृत्युदंड, को नरमी से बदलने का विकल्प देता है।

  • यह मानवीय दृष्टिकोण से राहत प्रदान करता है, जबकि कानूनी जवाबदेही बनी रहती है।

उदाहरण:

  • यदि किसी अपराधी को मृत्युदंड दिया गया है, तो सरकार इसे आजीवन कारावास (Life Imprisonment) में बदल सकती है।

  • यदि किसी अपराधी को आजीवन कारावास मिला है, तो इसे एक निश्चित अवधि के कारावास (Fixed-term Imprisonment) में बदला जा सकता है।

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