धारा 6: सजा की गणना को मानकीकृत करना

भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 6 यह निर्धारित करती है कि जब दंड की अवधि के अंशों (fractions) की गणना की जाती है, तो आजीवन कारावास (Life Imprisonment) को 20 वर्षों के बराबर माना जाएगा, जब तक कि कोई अन्य प्रावधान न हो।

मुख्य प्रावधान:

  1. आजीवन कारावास = 20 वर्ष

जब सजा के अंशों की गणना की जाती है, तो आजीवन कारावास को 20 वर्ष के बराबर माना जाएगा।

यदि कोई विशेष कानून अलग व्यवस्था देता है, तो वही मान्य होगा।

  1. परोल (Parole) और दंड कटौती (Sentence Reduction) पर प्रभाव

यह नियम सजा में छूट, परोल, या सजा की गणना के मामलों में स्पष्टता सुनिश्चित करता है।

यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है?
सजा की गणना में एकरूपता (Uniformity) लाने में मदद करती है।

सजा में कटौती और परोल पात्रता (Eligibility) को स्पष्ट करती है।

उदाहरण:
यदि किसी कानून में कहा गया है कि परोल के लिए पात्र होने के लिए सजा का एक-तिहाई भाग पूरा होना चाहिए, तो आजीवन कारावास के लिए एक-तिहाई = 20 वर्षों का एक-तिहाई = लगभग 6 वर्ष 8 महीने।