धारा 42: जब संपत्ति की रक्षा में मृत्यु के बजाय अन्य हानि की अनुमति होती है

धारा 42 यह स्पष्ट करती है कि यदि कोई व्यक्ति चोरी, नुकसान (mischief) या अपराधिक अतिक्रमण (criminal trespass) करता है, और वह अपराध धारा 41 में वर्णित गंभीर स्थितियों में नहीं आता, तो उस स्थिति में आप हमलावर को मार नहीं सकते, लेकिन आप उसे रोकने के लिए मृत्यु के अलावा कोई भी हानि पहुंचा सकते हैं, बशर्ते कि यह धारा 37 में बताए गए प्रतिबंधों के अधीन हो

मुख्य बिंदु:

  • यदि अपराध: सामान्य चोरी हो, संपत्ति को नुकसान पहुंचाना हो, या अपराधिक रूप से घुसपैठ करना हो, और वह स्थिति इतनी गंभीर नहीं है कि उसमें मृत्यु की आशंका हो,तो आप केवल गैर-घातक हानि पहुंचा सकते हैं

उदाहरण:

  • कोई व्यक्ति दिन में आपके घर की दीवार कूदकर अंदर आ जाता है - आप उसे धक्का देकर या पकड़कर रोक सकते हैं, लेकिन जान से मारने का अधिकार नहीं है
  • कोई आपकी साइकिल चुराने की कोशिश करता है, तो आप उसे रोक सकते हैं, पर मार नहीं सकते

यह कैसे सुरक्षा देता है:

  • यह सुनिश्चित करता है कि लोग अपनी संपत्ति की रक्षा कर सकें, लेकिन अनावश्यक या अत्यधिक बल प्रयोग न करें
  • जीवन की रक्षा और संपत्ति की रक्षा के बीच संतुलन बनाता है।
  • आत्मरक्षा में कानूनी मर्यादा को बनाए रखता है।