रेलवे स्टेशन पर शौचालय में गंदगी

रेलवे में सबसे बेकार व्यवस्था में है, #शौचालय। अब तो हमे लघुशंका के लिए भी ₹5 देने पड़ते हैं फिर भी न सफाई और न ही व्यवस्था। बस चल रहा है स्व चलित सौ चालय।

भारतीय रेलवे में रेल है, वंदे भारत है, पर स्वच्छ भारत में #स्वच्छता का संबंध अच्छा नहीं है। कभी कभी नहीं, अक्सर इनका डाइवोर्स होता रहता है।

मजे की तो बात है नहीं कोई, बस मजबूरी है। मेरी यही आशा है कि फिर निराशा से मुलाकात करना न पड़े। पर #रेलवे का तो चोली दामन का साथ है इस मामले में तो। मंत्री जी को भी कुछ नहीं कह सकते, वो अभी कवच तकनीक, बुलेट ट्रेन, और कॉरिडोर में व्यस्त हैं।

बस सहारनपुर रेलवे स्टेशन के मुख्य प्रबंधक का ध्यान खींचना चाहेंगे। शायद वे ही इस जारी लापरवाही या आदतन किए जा रहे गंदगी के आरक्षण पर कुछ कहें और कदम उठाएं।

निराशा के साथ, आशा को छोड़कर आपका वही जो पहले था।

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