उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019, भारत में उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। यह उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार प्रथाओं, दोषपूर्ण उत्पादों और खराब सेवाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार देता है। इस अधिनियम के तहत जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग बनाए गए हैं, ताकि शिकायतों का निवारण तेजी से हो सके।
यह अधिनियम ई-कॉमर्स पर विशेष ध्यान देता है, जिससे ऑनलाइन उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी और भ्रामक विज्ञापनों से बचाया जा सके। यदि आपको दोषपूर्ण उत्पाद बेचा गया हो या खराब सेवा दी गई हो, तो आप इस अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसमें भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ दंड के प्रावधान भी शामिल हैं।
अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा बिल या रसीद रखें, उत्पाद की जानकारी सत्यापित करें और शिकायतों को समय पर उचित निवारण मंच पर रिपोर्ट करें।