भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3 अपराधों, दायित्वों और कानूनी अपवादों की व्याख्या के लिए मौलिक नियम स्थापित करती है। यह सुनिश्चित करती है कि आपराधिक दायित्व का निर्धारण इरादे, सहयोग और कानून में दिए गए अपवादों के आधार पर किया जाए।
मुख्य प्रावधान:
1. अपराध सामान्य अपवादों के अधीन हैं
- इस कानून में परिभाषित हर अपराध, दंड प्रावधान और उदाहरण सामान्य अपवादों के अधीन हैं, भले ही उन्हें हर धारा में स्पष्ट रूप से न लिखा गया हो।
- उदाहरण: यदि कोई बच्चा सात वर्ष से कम आयु का है, तो वह अपराध का दोषी नहीं हो सकता, भले ही अपराध की परिभाषा में यह न लिखा हो।
2. परिभाषाओं की समान व्याख्या
- यदि कोई शब्द BNS के किसी भाग में परिभाषित है, तो उसकी वही व्याख्या पूरे कानून में लागू होगी।
3. संपत्ति का कब्जा
- यदि किसी व्यक्ति की संपत्ति उसके पति/पत्नी, क्लर्क, या नौकर के पास है, तो इसे उसी व्यक्ति का कब्जा माना जाएगा।
- व्याख्या: यदि कोई अस्थायी या विशेष रूप से नियुक्त क्लर्क या नौकर संपत्ति रखता है, तो वह भी इस नियम के अंतर्गत आएगा।
4. अवैध चूक (Illegal Omission) भी अपराध मानी जाएगी
- यदि कोई कार्य करना कानूनी रूप से आवश्यक है, लेकिन उसे जानबूझकर नहीं किया जाता, तो यह अपराध के समान माना जाएगा।
5. समान इरादे से किए गए अपराध (Common Intention in a Crime)
- यदि कई लोग एक अपराध में समान इरादे से शामिल होते हैं, तो हर व्यक्ति उसी तरह से जिम्मेदार होगा जैसे उसने अकेले अपराध किया हो।
- उदाहरण: यदि दो लोग किसी को जहर देकर मारने की योजना बनाते हैं और अलग-अलग समय पर जहर देते हैं, तो दोनों पर हत्या का आरोप लगेगा।
6. आपराधिक इरादा या ज्ञान (Criminal Knowledge or Intention)
- यदि किसी अपराध के लिए आपराधिक इरादा आवश्यक है, तो जो कोई उस अपराध में जानबूझकर शामिल होता है, वह समान रूप से दोषी माना जाएगा।
- उदाहरण: यदि दो जेलर किसी कैदी को भूखा रखकर मार डालते हैं, तो दोनों हत्या के दोषी होंगे।
7. कार्य और चूक का मिश्रण (Combination of Act and Omission)
- यदि कोई अपराध किसी कार्य और चूक दोनों से मिलकर होता है, तो दोनों को मिलाकर एक ही अपराध माना जाएगा।
- उदाहरण: यदि किसी व्यक्ति को पीटा जाता है और उसे भूखा भी रखा जाता है, जिससे उसकी मृत्यु हो जाती है, तो यह हत्या मानी जाएगी।
8. अपराध में सहयोग (Cooperation in a Crime)
- यदि कई कार्यों से मिलकर अपराध होता है, तो उनमें से कोई भी कार्य करने वाला व्यक्ति अपराध का समान रूप से दोषी माना जाएगा।
- उदाहरण: यदि दो लोग किसी को जहर देकर मारने की योजना बनाते हैं और अलग-अलग समय पर जहर देते हैं, तो दोनों हत्या के दोषी होंगे।
9. अलग-अलग अपराधों की जिम्मेदारी (Different Offenses in the Same Criminal Act)
- यदि एक अपराध में कई लोग शामिल हैं, तो वे अलग-अलग अपराधों के लिए दोषी हो सकते हैं, उनके इरादे के आधार पर।
- उदाहरण: यदि A किसी उकसावे के कारण हत्या करता है, तो उसे गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide) का दोषी माना जाएगा। लेकिन B, जिसे कोई उकसावा नहीं था और उसने जानबूझकर हत्या की, तो उसे हत्या (Murder) का दोषी माना जाएगा।
यह कैसे सुरक्षा प्रदान करती है:
- यह धारा सुनिश्चित करती है कि अपराध में सभी भागीदारों को उनके इरादे और सहयोग के अनुसार न्याय मिले।
- यह किसी निर्दोष व्यक्ति को गलत तरीके से दंडित होने से भी बचाती है।
उदाहरण:
- यदि कोई पुलिस अधिकारी किसी हत्यारे को वारंट के बिना गिरफ्तार करता है, तो यह गलत तरीके से कैद (Wrongful Confinement) नहीं मानी जाएगी, क्योंकि वह कानूनी रूप से ऐसा करने के लिए बाध्य है।
- यदि तीन लोग मिलकर एक डकैती करते हैं, लेकिन एक व्यक्ति केवल वाहन चलाने में मदद करता है, तो भी वह डकैती का समान रूप से दोषी होगा।